परीक्षा का दौर चालू होने जा रहा है । साल भर जो विद्यार्थी सही ढंग से पढाई नही कर पाये उनके मन मे परीक्षा का तनाव ज्यादा है । ऐसे भी कई सारे बच्चे है जो साल भर उचित पढाई करते हुए भी परीक्षा के तनाव मे रहते है। बच्चों के मन में विश्वास होना चाहिये की हमे कुछ भी असंभव नही है।। असफलता या कम नंबर मिलते है तो हमे और एक मोका मिलता है जिसे सीखने का अवसर हमे मिलता है अगले कई दिनो मे विद्यार्थी परीक्षा का सामना करने वाले है । परीक्षा का नाम सुनते ही डर जाते है। सभी स्टुडंट का अच्छा स्टडी होने के बाद भी और नही होने के बाद भी परीक्षा का तनाव मन मे रहता है ।हमे पुरी जिंदगी मे कभी ना कभी किसी ना किसी परीक्षा का सामना करना ही होता है। लेकिन जीवन में परीक्षा ही सब कुछ नही है ।परीक्षा तो जीवन का एक हिस्सा है। पहले तो हमारा जीवन महत्वपूर्ण है ।उसमे आसानी से अपना भविष्य बनाने मे परीक्षा एक मूल्यमापन की सीडी के रूप मे होती है। हम उसे पार करते है। सबसे महत्त्वपूर्ण बात यह है की परीक्षा का थोडा टेन्शन सभी स्टुडन्ट और उनके परेन्ट्स के मन में होता ही है।
परीक्षा का माहोल बनाये रखने के लिए हमारी सकारात्मक सोच और आत्मविश्वासता पूर्वक परीक्षा का सामना करना बहुत जरुरी होता है । इस वक्त खुद पर भरोसा और टाईम मॅनेजमेंट निरोगी तनऔर मन सकारात्मक दृष्टीकोन होना जरुरी है। जो भी हमने साल भर के पढाई मे पाया है उसकी सही मात्रा मे रीविजन और सारे महत्वपूर्ण पॉइंट्स को अवलोकन करना उचित रहता है ।अन्यथा सिर्फ अंको के पीछे हमारे विचारधारा चलने लगती है तो हम और एक अलग ही तनाव मे करते है। सारे पेरेंट्स अपने बच्चों को अपनी खुद की इच्छा पूर्ण करने का दबाव डालते है। तुलनात्मक दृष्ट्या अन्य बच्चों की तुलना अपने बच्चों के साथ करते है। जो पुरा परिवार टेंशन की शिकार बन जाता है। परीक्षा केवल अंक से मूल्यमापन करने की एक मात्र सीडी नही है।जो अंक मिलेंगे या परिणाम हमे मिलने वाले है। वह हमारे मेहनत और समज के साथ जो हमने स्टडी की है ।उसी का
समस्या सुलझाने के लिए हमारे पास काफी समय होता है ।परीक्षा के दौरान मे सारे बच्चे शारीरिक और मानसिक रुप से कमजोर बनते है। उनको भावनिक सहायता की जरुरत होती है। मेरा कहना है इसमे टीचर और पेरेंट्स का रोल महत्त्वपूर्ण है । स्टुडंट का परीक्षा के दौरान मन मे जो तनाव होता है । वो हमे पता करना चाहिए । हम देखते है सारे बच्चे परीक्षा मे अच्छे अंक नही पाते है । तो खुदखुशी जैसी हरकत तथा घर से भाग जाने की कोशिश करते है। सारी जिम्मेदारी पेरेंट्स और टीचर्स पर आती है। सभी पेरेंट्स की यह अच्छी जिम्मेदारी है । हम हर तरह अपने बच्चों को समझ सकते है और असल में जो भी तनाव का कारन है । उसे पता करके हम उसका पूरा हल निकाल सकते है।
परीक्षा के दिनो मे बच्चो के खानपान का और अच्छी नींद का खयाल रखना जरूरी होता है। अगर परीक्षा के तनाव मे हम जादा देर तक जागरन करते है तो हमारा स्वास्थ्य पूरी तरह से खराब होता है। और उसके वजह से हम बीमार हो जाते है परीक्षा के वक्त मे पुरा सत्त्वयुक्त आहार बहुत जरूरी होता है। मानसिक स्वास्थ्य के लिए मेडिटेशन का भी बहुत बडा फायदा होता है। परीक्षा के दौरान बच्चा अपने खानपान का ख्याल रखे ।परीक्षा जैसे महत्त्वपूर्ण समय मे अगर हम बीमार हो जाये तो भारी नुकसान हो सकता है। परीक्षा के दौरान हमेशा कई विद्यार्थी कठीन विषय के बारे में ज्यादा सोच सोच कर परेशान होते है।जो विषय में बच्चे कमजोर है। इस समय मे बच्चों को पढे हुए पर भरोसा करना चाहिए ।
परीक्षा के समय आपना टाईम मॅनेजमेंट सही ढंग से बनाय रखे सोने और जागने का समय उचित होना चाहिये ।परीक्षा की ज्यादा चिंता हो तो बच्चों का विस्मरण हो सकता है। इसलिये हर प्रकार का तनाव को हटा देना चाहिये। परीक्षा के समय में बच्चों को अधिक नई चीजे कभी भी नही पढनी चाहिये। ऐसा करना तनाव का कारन बन सकता है ।अपने पढे हुए टॉपिक्स अच्छी तरह से रिविजन करे तो अच्छा रहेगा ..बेस्ट ऑफ लक.
समुपदेशक
श्री.शिवाजी मुटकुळे.
परीक्षा का माहोल बनाये रखने के लिए हमारी सकारात्मक सोच और आत्मविश्वासता पूर्वक परीक्षा का सामना करना बहुत जरुरी होता है । इस वक्त खुद पर भरोसा और टाईम मॅनेजमेंट निरोगी तनऔर मन सकारात्मक दृष्टीकोन होना जरुरी है। जो भी हमने साल भर के पढाई मे पाया है उसकी सही मात्रा मे रीविजन और सारे महत्वपूर्ण पॉइंट्स को अवलोकन करना उचित रहता है ।अन्यथा सिर्फ अंको के पीछे हमारे विचारधारा चलने लगती है तो हम और एक अलग ही तनाव मे करते है। सारे पेरेंट्स अपने बच्चों को अपनी खुद की इच्छा पूर्ण करने का दबाव डालते है। तुलनात्मक दृष्ट्या अन्य बच्चों की तुलना अपने बच्चों के साथ करते है। जो पुरा परिवार टेंशन की शिकार बन जाता है। परीक्षा केवल अंक से मूल्यमापन करने की एक मात्र सीडी नही है।जो अंक मिलेंगे या परिणाम हमे मिलने वाले है। वह हमारे मेहनत और समज के साथ जो हमने स्टडी की है ।उसी का
परिणाम नापने का परीक्षा एक उचित साधन है।
सही ढंग से परीक्षा एक उत्सव के रूप में हमे साकार करना चाहिये। बच्चों के मन में जो भी हलचल चल रही है उसका पता परेंट्स को या मित्रपरिवार और टीचर को होना जरुरी है। तनाव का सिलसिला और जिम्मेदारी गुड पेरेंटींग का एक हिस्सा है ।अगर अपना बच्चा परीक्षा का सामना करने के लिए कुछ बात करते समय निराशाजनक नजर आता है तो उसके साथ विश्वासता पूर्वक हमे बात करनी चाहिए। क्या समस्या है? समस्या है तो उसका हल है। समस्या सुलझाने के लिए हमारे पास काफी समय होता है ।परीक्षा के दौरान मे सारे बच्चे शारीरिक और मानसिक रुप से कमजोर बनते है। उनको भावनिक सहायता की जरुरत होती है। मेरा कहना है इसमे टीचर और पेरेंट्स का रोल महत्त्वपूर्ण है । स्टुडंट का परीक्षा के दौरान मन मे जो तनाव होता है । वो हमे पता करना चाहिए । हम देखते है सारे बच्चे परीक्षा मे अच्छे अंक नही पाते है । तो खुदखुशी जैसी हरकत तथा घर से भाग जाने की कोशिश करते है। सारी जिम्मेदारी पेरेंट्स और टीचर्स पर आती है। सभी पेरेंट्स की यह अच्छी जिम्मेदारी है । हम हर तरह अपने बच्चों को समझ सकते है और असल में जो भी तनाव का कारन है । उसे पता करके हम उसका पूरा हल निकाल सकते है।
परीक्षा के दिनो मे बच्चो के खानपान का और अच्छी नींद का खयाल रखना जरूरी होता है। अगर परीक्षा के तनाव मे हम जादा देर तक जागरन करते है तो हमारा स्वास्थ्य पूरी तरह से खराब होता है। और उसके वजह से हम बीमार हो जाते है परीक्षा के वक्त मे पुरा सत्त्वयुक्त आहार बहुत जरूरी होता है। मानसिक स्वास्थ्य के लिए मेडिटेशन का भी बहुत बडा फायदा होता है। परीक्षा के दौरान बच्चा अपने खानपान का ख्याल रखे ।परीक्षा जैसे महत्त्वपूर्ण समय मे अगर हम बीमार हो जाये तो भारी नुकसान हो सकता है। परीक्षा के दौरान हमेशा कई विद्यार्थी कठीन विषय के बारे में ज्यादा सोच सोच कर परेशान होते है।जो विषय में बच्चे कमजोर है। इस समय मे बच्चों को पढे हुए पर भरोसा करना चाहिए ।
परीक्षा के समय आपना टाईम मॅनेजमेंट सही ढंग से बनाय रखे सोने और जागने का समय उचित होना चाहिये ।परीक्षा की ज्यादा चिंता हो तो बच्चों का विस्मरण हो सकता है। इसलिये हर प्रकार का तनाव को हटा देना चाहिये। परीक्षा के समय में बच्चों को अधिक नई चीजे कभी भी नही पढनी चाहिये। ऐसा करना तनाव का कारन बन सकता है ।अपने पढे हुए टॉपिक्स अच्छी तरह से रिविजन करे तो अच्छा रहेगा ..बेस्ट ऑफ लक.
समुपदेशक
श्री.शिवाजी मुटकुळे.
Nice👍
ReplyDeleteThanks...
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